पिछ्ले दिनों से लगातार भोजपुरी गानों की अश्लीलता को लेकर लोगों के द्वारा सोशल मीडिया पर बहुत कुछ लिखा व बोला जा रहा है।
बड़े-बड़े कलाकारों को टारगेट करके भद्दी-भद्दी बातें लिखी जा रही व यूट्यूब पर उनके गानों को लेकर रिपोर्ट मारी जा रही
पर मुझे हंसी आती है कि ये वही लोग हैं जो पार्टी-फंक्शन,शादी-विवाह आदि में DJ पर खूब भोजपुरी गाना बजाते व सुनते हैं अधिकतर दुकानों में,सफ़र में कहीं भी बजाकर बड़े चाव से सुनते हैं सोशल मीडिया पर ट्रेंडिंग भी खूब कराते हैं ! जब कभी बवाल मचने लगता है तो हुलूल-हुलूल करके गरियाते हैं !
गजब मानसिकता है भाई इनलोगों की या तो गाने खूब सुनो जैसे सुनते हो वरना अगर कर सकते हो तो भोजपुरी से अश्लीलता हटाने के लिए आंदोलन करो !
वैसे मैं विरोध करने वालों से पूछना चाहूँगा की जरा बताओ की अश्लील व द्विअर्थी गाने कब और किस फिल्म इन्डस्ट्री में नहीं बने !
जहां तक भोजपुरी की बात है तो वो मैं बता दूँ की 80-90 के दौर से अश्लील,द्विअर्थी गाने बने,खूब बजे और धूमधाम से बजे पूरे पूर्वोत्तर में और ये भी जान लें की भारत की सबसे बड़ी म्यूज़िक कैसेट कंपनी टी सीरीज जैसी कंपनियों से ये गाने निकलते थे !
उस वक़्त बड़े-बड़े गायक राधेश्याम रसिया,छोटू छलिया,गुड्डू रंगीला आदि के गाने आज भी हीट हैं और खूब सुने जाते हैं और काफी लोकप्रिय हैं,तब तो आपलोगों की भसड़ नहीं निकलती थी तो आज क्यों चूल मच गयी है!
मैं व्यक्तिगत तौर पर भोजपुरी गाने सुनता हुँ और लगभग सभी गाने शायद सुने भी होंगे जो पहले रिलीज हो चुके या रिलीज हो रहे ! मैं मानता हूँ व भली-भाँति जानता हूँ कि अश्लीलता मौजूद है पर ये अश्लीलता ऐसे रिपोर्ट मारने से या कलाकार को गाली देने से नहीं हटेंगी बल्कि तभी बनेगी जब भोजपूरी इंडस्ट्री का अपना सेंसर बोर्ड होगा !
सब को बता दूँ कि आज से 9-10 साल पहले ही सिंगापुर की भोजपुरी फिल्म प्रोडक्शन कंपनी चुन्नू बाबू सिंगापुरी प्रोडक्शन ने इसकी पहल की थी ! उत्तर प्रदेश के देवरिया के मूल निवासी चुन्नू बाबू ने सेंसर बोर्ड बनाने की मांग भी करी थी और उस वक़्त के भोजपुरी अकादमी के अध्यक्ष रविकांत दुबे ने केंद्र सरकार के पास भोजपुरी सिनेमा के सेंसर बोर्ड के लिए प्रस्ताव भी भेजा पर आज तक कुछ नहीं हुआ !
पिछ्ले कुछ वर्षों से भोजपुरी के बड़े सितारे मनोज तिवारी,रवि किशन, दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सरकार से इसकी मांग की पर कुछ निष्कर्ष नहीं निकला !
इसलिए आपलोगों से कहना है अगर चाहते हो की अश्लीलता हटे तो सरकार के पास माँग रखो या आन्दोलन करो कि भोजपुरी सेंसर बोर्ड बनाईये ! वरना जान लो कभी अश्लीलता न हटी थी न हटेगी चाहे कितनी भी गाली-गलौज कर लो !तब तो मैं बस यही कहूँगा गाने सुनो व मस्ती करो !
एक चीज और लिखूंगा की खेसारी लाल यादव के जिस 'चाची के बाची'गाने व गुंजन सिंह के 'आंटी के बेटी' को आपलोग रिपोर्ट मार के हटवा दिये हो उसको सही से सुनो व अर्थ समझो तो समझ में आ जायेगा की चाची के बेटी से तात्पर्य चचेरी बहन से नहीं है बल्कि प्रेमिका की माँ को चाची कहा गया है और उसकी बेटी यानी प्रेमिका को बाची कहा गया है !
मुझे पता है की एक गीतकार कभी-कभी, कुछ-कुछ कॉमेडी टाइप लिखता है इसका ये मतलब नहीं की अपने चचेरी बहन पर गाना लिख देगा ! बाकी आपलोग जैसे समझने वाले होंगे तो गीतकार गाना लिखने से पहले माथा पीट लेगा !
नोट-अगर अंग्रेजी समझ में आती हों तो कभी-कभी हॉलीवुड के गाने भी देखा व सुना करो व बॉलीवुड तो बढ़िया से दिमाग खोलकर सुनो,देखो सब अश्लीलता का भूत दिमाग से उतर जायेगा ! बाकी मैं तो बड़े मजे से हर इंडस्ट्री के गाने सुनता व देखता हूँ ! अन्त में यही कहूँगा कि 'अश्लीलता दिमाग में होती है' और 'अश्लील तो दुनिया आदिकाल से रही है'अभी कौन सी नई बात इसमें आ गयी है!)❤👍
Navnit Sinha #हीरो_साजन
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thnks for writting us